अल्सर का आयुर्वेदिक उपचार
पेट के अल्सर को कम करता है शहद। क्योकिं शहद में ग्लूकोज पैराक्साइड होता है जो पेट में बैक्टीरिया को खत्म कर देता हैं।
नारियल अल्सर को बढ़ने से रोकता है साथ ही उन कीड़ों को भी मार देता है जो अल्सर को बढ़ाते हैं। नारियल में मौजूद एंटीबेक्टीरियल गुण और एंटी अल्सर गुण होते हैं। इसलिए अल्सर के रोगी को नारियल तेल और नारियल पानी का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।
केला भी अल्सर को रोकता है। केले में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेट की एसिडिटी को ठीक करते हैं। पका और कच्चा हुआ केला खाने से अल्सर के रोगी को फायदा मिलता है।बादाम को पीसकर इसे अल्सर के रोगी को देना चाहिए। इन बादामों को इस तरह से बारीक चबाएं कि यह दूध की तरह बनकर पेट के अंदर जाएं।लहुसन की तीन कच्ची कलियों को कुटकर पानी के साथ सेवन करें।गाय के दूध में हल्दी को मिलाकर पीना चाहिए। हल्दी में मौजूद गुण अल्सर को बढ़ने नहीं देते हैं।
गुडहल की पत्तियों के रस का शरबत बनाकर पीने से अल्सर रोग ठीक होता है।
बेल की पत्तियों में टेनिन्स नामक गुण होता है जो पेट के अल्सर को ठीक करते हैं। बेल का जूस पीने से पेट का दर्द और दर्द ठीक होता है।
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